Bihar News: मोकामा में जनसुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या मामले में जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह समेत पांच लोगों पर नामजद FIR दर्ज हो गई. मृतक के पोते नीरज कुमार के आवेदन पर अनंत सिंह भतीजे रणवीर सिंह, कर्मवीर सिंह, करीबी छोटन सिंह, कंजय सिंह और कई अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस बना. अनंत सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह RJD प्रत्याशी वीणा देवी के पति सूरजभान सिंह की साजिश है. उन्हें फंसाने की कोशिश हो रही है लेकिन जनता सब जानती है.
नीरज कुमार ने FIR में बताया कि गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे बसामनचक गांव में जनसुराज प्रचार के दौरान अनंत सिंह सहयोगियों के साथ आया और दादा दुलारचंद को गाली देने लगा. दादा ने मना किया तो रणवीर और कर्मवीर ने गाड़ी से खींचकर बाहर निकाला. अनंत सिंह ने कमर से पिस्टल निकालकर गोली चलाई जो दुलारचंद के पैर की ठुड्डी में लगी. गिरने के बाद सहयोगियों ने बेरहमी से पीटा और गाड़ी चढ़ाकर फरार हो गए. घायल दुलारचंद को अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
तेजस्वी ने सरकार को घेरा
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं, विचारधारा और जनहित की लड़ाई होती है न कि बमबारी गोलीबारी की. सत्ता संरक्षित दुर्दांत अपराधी एनडीए के महाजंगलराज में तांडव मचा रहे हैं. अपराध कुख्यात मोकामा में सत्ता संरक्षित गुंडों ने सामाजिक कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या कर दी. एनडीए प्रत्याशियों का पत्रकारों पर गुस्सा पत्रकारों को जान से मारने की बात और पूर्व में AK-47 बरामदगी का परिणाम दिख रहा है. भाजपाई बिहार में डेरा डाल अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं. मुद्दों से डरकर जुमलेबाजी करने वाले प्रधानमंत्री को अपना गुंडाराज महाजंगलराज नहीं दिखता. वे महाजंगलराज को संरक्षण और पोषकों को टिकट देकर बिहार को बदनाम कर रहे हैं. जनता प्रतिकार करेगी और डबल इंजन उखाड़ देगी.
यह हत्या मोकामा की बाहुबली राजनीति को उजागर करती है जहां अनंत सिंह जैसे नेता दबदबा रखते हैं. FIR की विस्तृत कहानी गंभीर आरोप लगाती है लेकिन अनंत का खंडन साजिश का दावा करता है. तेजस्वी का तीखा हमला एनडीए पर दबाव बढ़ाता है और महागठबंधन को फायदा दे सकता है. कुल मिलाकर चुनावी हिंसा लोकतंत्र की कमजोरी दिखाती है और जांच में पारदर्शिता जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आए.
लालू यादव के करीबी रहे है दुलारचंद
कभी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे दुलारचंद 90 के दशक में बाढ़ और मोकामा टाल में बाहुबली के तौर पर प्रभाव रखते थे. मोकामा हॉट सीट रही जहां जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह लगातार चुनाव जीतते रहे. इस बार जेडीयू ने अनंत सिंह को टिकट दिया जबकि आरजेडी ने सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया.
सूरजभान की साजिश है: अनंत सिंह
दुलारचंद के परिजनों और पीयूष प्रियदर्शी ने हत्या का आरोप अनंत सिंह पर लगाया. अनंत सिंह ने स्थानीय मीडिया से कहा कि वे टाल में वोट मांग रहे थे. एक जगह भीड़ दिखी तो लगा विपक्षी वोट मांग रहे हैं. उनकी तीस गाड़ियां आगे बढ़ गईं और पीछे दस गाड़ियां रह गईं जिन पर हमला हुआ. यह सूरजभान की साजिश थी.
पटना जिलाधिकारी त्यागराजन एस एम ने बयान दिया कि मोकामा क्षेत्र में दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच घोसवरी टाल में झड़प हुई. संदेहास्पद स्थिति में दुलारचंद यादव की मौत हो गई. दुलारचंद पूर्व में कई आपराधिक कांडों में अभियुक्त रहे. कांड दर्ज कर छापेमारी की गई. पोस्टमॉर्टम और कानूनी कार्रवाई पूरी हुई.
जनसुराज संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी के नेता मोकामा गए. ज्यादा जानकारी मिलने पर वक्तव्य दिया जाएगा. अभी मीडिया की जानकारी ही उपलब्ध थी. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ऐसी हत्याएं लोकतंत्र में निंदनीय रहीं लेकिन कानून अपना काम किया.
इससे पहले बुधवार देर शाम टिकारी विधानसभा में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रत्याशी अनिल कुमार पर प्रचार के दौरान जानलेवा हमला हुआ. हम संरक्षक जीतन राम मांझी ने इसे महागठबंधन की हताशा और कायरता का उदाहरण बताया.
यह हत्या बिहार चुनाव में हिंसा की पुरानी परंपरा को दोहराती है जहां मोकामा जैसे क्षेत्रों में बाहुबली राजनीति हावी रही. अनंत सिंह पर आरोप एनडीए की छवि खराब करते हैं जबकि तेजस्वी का हमला महागठबंधन को मजबूत करता है. जिलाधिकारी का बयान तटस्थता दिखाता है लेकिन दुलारचंद का आपराधिक इतिहास मामला जटिल बनाता है. कुल मिलाकर चुनावी हिंसा लोकतंत्र को कमजोर करती है और जनता को मुद्दों पर वोट करने की जरूरत है.