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    जमशेदपुर: जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान की अध्यक्षता में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्वावलंबी बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादित वस्तुओं के मूल्य संवर्धन की संभावनाओं पर ठोस रणनीति तैयार करना था।
 
बैठक में डीपीएम जेएसएलपीएस सुजीत बारी ने योजनाओं की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल 16,612 स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनमें से 2024-25 में 300 नए समूह जोड़े गए हैं। 1097 समूहों का बैंक लिंकेज लंबित है, जिसके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए गए।
 
प्रशिक्षण और रोजगार पर जोर
RSETI के माध्यम से अब तक 1040 युवक-युवतियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उप विकास आयुक्त ने स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाने और स्वरोजगार के लिए ऋण सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत 18 से 35 वर्ष तक के युवाओं का सर्वेक्षण 19 अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया।
 
ग्रामीण उत्पादों के संवर्धन की दिशा में पहल
बैठक में अंडा उत्पादन, चूड़ा निर्माण, मधु प्रसंस्करण, मशरूम और मोटे अनाज आधारित नवाचार उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार उपलब्धता जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। धालभूमगढ़ के अंडा उत्पादकों को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन दिलाने की बात कही गई, वहीं मधु प्रसंस्करण इकाइयों को FSSAI और ISO सर्टिफिकेशन के लिए प्रेरित किया गया।
 
टमाटर से बने उत्पादों के लिए पटमदा स्थित वेयरहाउस का उपयोग, साल पत्ता से प्लेट निर्माण के लिए महिलाओं को जोड़ने और मोमबत्ती इकाइयों की डिजाइन में सुधार जैसे निर्णय लिए गए।
 
सर्वांगीण ग्रामीण विकास की दिशा में ठोस पहल
बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी संबंधित विभाग मिलकर समन्वय स्थापित करें ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल सके और स्थानीय समुदाय आर्थिक रूप से सशक्त बन सके।
 
इस बैठक में जिला प्रबंधक, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखंड परियोजना पदाधिकारी समेत कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी मौजूद रहे।