Jamshedpur: श्री श्री एकादशी करमा पूजा एवं नुआ खाई समिति के तत्वावधान में करमा महोत्सव का आयोजन बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा-उत्साह के साथ किया गया। इस अवसर पर आदिवासी समाज की पारंपरिक धरोहर और सांस्कृतिक पहचान करमा पर्व की छटा देखने योग्य रही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व जिला पार्षद राजकुमार सिंह उपस्थित हुए। उनके आगमन पर समिति के पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने फूल-मालाओं और पारंपरिक नृत्य-गान के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया।
करमा पूजा आदिवासी समाज का प्रमुख पर्व है, जिसमें भाई-बहन, परिवार और समाज की खुशहाली, सुख-समृद्धि एवं अच्छे फसल उत्पादन की कामना की जाती है। इस अवसर पर महिलाएं और युवतियां करम डाल (करम वृक्ष की डाल) की पूजा करती हैं और पूरी रात पारंपरिक गीत एवं नृत्य प्रस्तुत करती हैं। नुआ खाई (नए अनाज का स्वागत) भी इसी अवसर पर मनाया गया, जिसमें नए फसल से बने व्यंजन प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं के बीच वितरित किए गए।
पूरे कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिली। युवाओं और महिलाओं ने करमा गीत गाते हुए सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। ढोल-मांदर की थाप पर देर रात तक नृत्य-गान का दौर चलता रहा। बच्चों ने भी आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया
मुख्य अतिथि पूर्व जिला पार्षद राजकुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि करमा जैसे पारंपरिक पर्व हमें समाज में भाईचारे, प्रेम और एकता का संदेश देते हैं। उन्होंने समिति की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़ने में मदद मिलती है।
समिति के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष का आयोजन समाज की भागीदारी और सहयोग से सफल रहा। उन्होंने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया और आगे भी इस परंपरा को और बड़े स्तर पर मनाने का संकल्प।