बैठक में जिले में अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम हेतु गठित टास्क फोर्स, अंचल अधिकारी, थाना प्रभारी एवं संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी से बालू के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने, वन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन/परिवहन, बिना पंजीकरण संख्या वाले वाहनों की धरपकड़, अतिभारित वाहनों की जांच तथा दोषी वाहन मालिकों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई। 
उपायुक्त ने खनन पदाधिकारी को बालू की कालाबाजारी, अवैध स्टॉक की रोकथाम के लिए अभियान चला कर कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने तथा जब्त लघु खनिजों की नीलामी कराकर राजस्व बढ़ाने का निदेश दिया। साथ हीं सभी बालू डीलरों के स्टॉक यार्ड में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी अधिष्ठापन कराकर निगरानी करने तथा हर उठाव का चलान निर्गत करवाने का निदेश दिया। पुल पुलिया के आस पास नदियों से बालू  उठाव न हो इसके लिए औचक निरीक्षण करने का निदेश दिया। सभी अंचल अधिकारियों तथा थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में खनन माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने का निदेश दिया। 
उपायुक्त ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे सघन अभियान को निरंतर जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा दोषी व्यक्तियों, संचालकों एवं वाहन मालिकों के विरुद्ध नियमों के अनुरूप कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों खनन, पुलिस, वन, परिवहन एवं प्रदूषण नियंत्रण को आपसी तालमेल और त्वरित सूचना आदान-प्रदान के साथ अभियान चलाने के निर्देश दिए, ताकि खनिज संपदा की सुरक्षा, राजस्व वृद्धि एवं पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। जनहित और राज्यहित में खनन गतिविधियों को पूरी तरह कानून के दायरे में संचालित करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और इसके लिए प्रशासन हर स्तर पर सख्त रुख अपनाएगा।