Saraikela: सरायकेला- खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के बाना पंचायत के कोलाबाड़िया ऊपर टोला में सरकारी योजना जल जीवन मिशन पूरी तरह फेल साबित हो रही है। गांव में पेयजल संकट इतना गहराता जा रहा है कि महिलाएं हाथों में बाल्टी लेकर गुरुवार को पीएचईडी विभाग के खिलाफ सड़क पर उतर आईं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि योजना के नाम पर केवल टंकी बनाकर काम पूरा दिखा दिया गया, लेकिन घर-घर कनेक्शन अब तक नहीं मिला है.
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि गांव के सभी नलकूप बंद पड़े हैं और सोलर मिनार सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं. पानी के लिए अब ग्रामीण नदी का सहारा लेने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदारों ने घटिया काम करके भुगतान ले लिया, लेकिन पानी लोगों तक पहुंचे या नहीं, इसकी चिंता किसी को नहीं है। गांववालों ने ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि प्रखंड के कई गांवों में गायत्री कंस्ट्रक्शन के जरिए काम हुआ, लेकिन ज्यादातर जगह पाइप फट चुके हैं, टंकी में पानी नहीं उठता और सोलर पैनल खराब पड़े हैं.
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए ताकि ठेकेदार और विभाग में हुए कथित घोटाले का पर्दाफाश हो सके. यह मामला झारखंड में सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है. ग्रामीणों का कहना है कि योजनाओं की असली जिम्मेदारी प्रशासन की होती है, लेकिन संवेदकों पर आंख मूंदकर भरोसा करने का नतीजा यह है कि जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.