Nepal: काठमांडू नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने देश की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर इतिहास रच दिया है। राष्ट्रपति ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही वह नेपाल सरकार का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई हैं।
यह फैसला सभी प्रमुख राजनीतिक दलों और GenZ प्रदर्शनकारी समूह के प्रतिनिधियों के बीच आम सहमति से लिया गया। व्यापक परामर्श और सहमति के बाद कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए तय किया गया।
भारत से गहरा नाता
सुशीला कार्की का भारत से गहरा जुड़ाव है। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति शास्त्र में एमए की पढ़ाई की। भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े रुख और न्यायिक कार्यकाल के दौरान साहसिक फैसलों के लिए वह जानी जाती हैं।
न्यायिक करियर और उपलब्धियां
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के विराटनगर में हुआ था। 1979 में उन्होंने वकालत की शुरुआत की और 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं। इसके बाद 2009 में उन्हें नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में एड-हॉक जज नियुक्त किया गया और 2010 में वह स्थायी न्यायाधीश बनीं।
11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक उन्होंने नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पहली और अब तक की एकमात्र महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने चुनावी विवादों और भ्रष्टाचार से जुड़े कई अहम मामलों की सुनवाई की।
ये कदम नेपाल के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है, पहली महिला जो देश की न्यायपालिका क्षेत्र में शीर्ष पर रही और अब उसके राजनीतिक नेतृत्व की संभावना है। अब देखना ये होगा कि नेपाल के भविष्य के लिए क्या कदम उठाएंगी सुशीला कार्की और नेपाल की बेहतरी के लिए कार्य करेगी।