Jamshedpur News: ठेका श्रमिकों के ओवरटाइम भुगतान को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता, श्रम विभाग ने प्रबंधन से मांगे दस्तावेज
Jamshedpur: जमशेदपुर टाटा ब्लू स्कोप स्टील लिमिटेड के ठेका प्रतिष्ठान मेसर्स सिग्नोड इंडिया लिमिटेड के श्रमिकों के ओवरटाइम (OT) भुगतान से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले पर उप श्रमायुक्त (Deputy Labour Commissioner) कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया। यह मामला 1 मई मजदूर दिवस और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस जैसी राष्ट्रीय छुट्टियों में काम करने वाले मजदूरों को दोगुने दर से ओवरटाइम का भुगतान न किए जाने से संबंधित है।

यूनियन की ओर से अंबुज कुमार ठाकुर, ठेका प्रबंधन की ओर से सपन मुखर्जी (राजा), और उप श्रमायुक्त की उपस्थिति में हुई इस बैठक में श्रमिकों की ओर से यह सवाल उठाया गया कि राष्ट्रीय अवकाश के दिनों में काम करने पर नियमानुसार दोगुना भुगतान क्यों नहीं किया गया। मजदूर दिवस, यानी 1 मई को श्रमिकों की छुट्टी का दिन होता है, और उस दिन भी उनसे काम लिया गया था।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, उप श्रमायुक्त ने प्रबंधन पक्ष को कड़े निर्देश दिए हैं। प्रबंधन को अगली वार्ता की तिथि, जो 7 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की गई है, पर सभी प्रासंगिक और आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। इन दस्तावेजों में श्रमिकों की उपस्थिति, भुगतान रिकॉर्ड और कार्य से संबंधित अन्य कागजात शामिल हैं।
श्रम कानूनों के अनुसार, राष्ट्रीय छुट्टियों जैसे 1 मई, 15 अगस्त और 26 जनवरी को यदि किसी मजदूर से काम लिया जाता है, तो उसे सामान्य दर के बजाय दोगुने दर से ओवरटाइम का भुगतान किया जाना अनिवार्य है। इस नियम का उल्लंघन करना एक गंभीर श्रम अपराध माना जाता है। सिग्नोड इंडिया लिमिटेड के श्रमिकों द्वारा उठाई गई यह शिकायत इसी कानूनी प्रावधान से जुड़ी है।
यह मामला न केवल सिग्नोड इंडिया लिमिटेड के श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के अन्य ठेका मजदूरों के लिए भी एक नजीर बन सकता है। अक्सर देखा जाता है कि ठेका प्रतिष्ठानों में श्रम कानूनों का पालन पूरी तरह से नहीं किया जाता, जिससे मजदूरों का शोषण होता है। इस मामले में श्रम विभाग की सक्रियता से यह उम्मीद जगी है कि श्रमिकों को उनका हक मिल पाएगा।
यूनियन के प्रतिनिधि अंबुज कुमार ठाकुर ने बताया कि वे इस मामले को लेकर प्रतिबद्ध हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि श्रमिकों को उनका पूरा और सही भुगतान मिले। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अगली वार्ता में प्रबंधन संतोषजनक दस्तावेज पेश नहीं कर पाता है, तो वे कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगे।
इस पूरी घटना पर, श्रम विभाग का रुख यह दर्शाता है कि वह श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए गंभीर है। 7 अक्टूबर को होने वाली अगली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं, जब यह साफ हो पाएगा कि क्या श्रमिकों को उनका बकाया मिलेगा या यह मामला और जटिल होगा।