Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र अथवा संकल्प पत्र जारी कर दिया. पटना में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा मौजूद रहे. संकल्प पत्र में विकसित बिहार के लिए 25 प्रमुख संकल्प शामिल हैं. मुख्य वादों में हर युवा को नौकरी, रोजगार, एक करोड़ से ज्यादा सरकारी नौकरी, कौशल जनगणना और हर जिले में मेगा स्किल सेंटर बनाने की बात है. महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से दो लाख तक सहायता एक करोड़ लखपति दीदी और मिशन करोड़पति की योजना है.                    
                    
                    
                                    
                                    
                                    
                                                
                                
                                
                                
                                
                                          
  
 
                                     
                                                            
                                     
                
           
              
              
       
पिछड़ी जातियों के लिए 10 लाख की सहायता
अति पिछड़ा वर्ग तांति, ततमा, निषाद, मल्लाह, तेली, तमोली, केवट, गंगोता, बिंद, नोनिया, बढ़ई, धानुक, लोहार, कुम्हार, नाई, शिल्पकार, ठठेरा, माली, चंद्रवंशी, हलवाई, कानू, दांगी, तुरहा, अमात, केवर्त, राजबंशी, गड़ेरिया जैसी जातियों को दस लाख सहायता का वादा किया गया. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनेगी जो इन जातियों की स्थिति का आकलन कर सशक्तिकरण के सुझाव देगी. संकल्प पत्र में एनडीए के सभी सहयोगी दलों के मुद्दों को जगह दी गई है. पिछले दिनों पटना में मैनिफेस्टो कमेटी की बैठक में वादों को अंतिम रूप दिया गया था.
बिहार की 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी राम विलास 29 सीटों पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक दल छह-छह सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.
एक करोड़ नौकरी का वादा कैसे होगा पूरा?
एनडीए का संकल्प पत्र रोजगार महिला सशक्तिकरण और अति पिछड़े वर्ग पर फोकस करता है जो बिहार की मुख्य समस्याओं को छूता है. एक करोड़ नौकरी का वादा महत्वाकांक्षी है लेकिन अमल मुश्किल लगता है. महिलाओं और पिछड़ों के लिए योजनाएं वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति दिखाती हैं. समिति गठन पारदर्शिता का दावा है लेकिन पिछली सरकारों के वादे याद दिलाता है. कुल मिलाकर यह चुनावी दस्तावेज गठबंधन की एकता दिखाता है लेकिन जनता नतीजों से वादों की सच्चाई परखेगी.