Ghatshila By-Elections: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गलत इस्तेमाल का मामला सामने आया है. भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन की AI जनरेटेड फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. भाजपा के इलेक्शन एजेंट ने अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की और तत्काल कार्रवाई की मांग की. पत्र में कहा गया कि झामुमो कार्यकर्ता AI का अवैध प्रयोग कर मतदाताओं के विश्वास को प्रभावित कर रहे हैं और प्रत्याशी की सामाजिक राजनीतिक छवि को अनैतिक तरीके से नुकसान पहुंचा रहे हैं. फेसबुक पोस्ट में कहीं यह नहीं लिखा कि फोटो AI जनरेटेड है जो चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है.                    
                    
                    
                                    
                                    
                                                
                                
                                
                                
                                
                                          
  
 
                                     
                                                            
                                     
                
           
              
       
जिला प्रशासन के मीडिया कोषांग ने भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का हवाला देकर प्रेस रिलीज जारी की. इसमें कहा गया कि प्रचार में AI जनरेटेड या डिजिटल रूप से बदली तस्वीर, ऑडियो, वीडियो का इस्तेमाल करते समय स्पष्ट रूप से AI Generated या Synthetic Content लिखना जरूरी है. दृश्य सामग्री में कम से कम 10 प्रतिशत हिस्से में यह घोषणा दिखानी चाहिए. ऑडियो में शुरुआती 10 प्रतिशत में बोलना होगा. निर्माता या संस्था का नाम भी बताना अनिवार्य है. किसी व्यक्ति की पहचान आवाज या रूप को भ्रामक तरीके से दिखाने पर पूर्ण रोक है. आधिकारिक हैंडल पर आपत्तिजनक सामग्री तीन घंटे में हटानी होगी.

निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत राजनीतिक दलों को AI सामग्री का रिकॉर्ड रखना होगा जिसमें निर्माता विवरण और टाइम स्टैंप शामिल हों ताकि सत्यापन हो सके. प्रचार सामग्री प्रसारित करने से पहले MCM C कोषांग से प्रमाणीकरण अनिवार्य है.
यह विवाद उपचुनाव में डिजिटल प्रचार की चुनौतियों को उजागर करता है जहां AI का गलत इस्तेमाल मतदाताओं को गुमराह कर सकता है. भाजपा की शिकायत झामुमो पर दबाव बनाती है और चुनाव आयोग के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करती है. आयोग का 10 प्रतिशत घोषणा और प्रमाणीकरण का नियम पारदर्शिता लाएगा लेकिन छोटे दलों के लिए चुनौती होगा. कुल मिलाकर यह कदम डिजिटल चुनावी नैतिकता मजबूत करेगा लेकिन वायरल कंटेंट रोकना मुश्किल रहेगा.