Back to Top

Facebook WhatsApp Telegram YouTube Instagram
Jharkhand News26 – fastest emerging e-news channel.
  • 2025-10-31

Big News: ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूर, तीन महीने से वेतन न मिलने से संकट, सरकार से वतन वापसी की गुहार

Big News: झारखंड के प्रवासी मजदूरों की विदेश में परेशानी का नया मामला सामने आया है. हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के 48 मजदूर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंस गए हैं. कंपनी ने पिछले तीन महीने से वेतन नहीं दिया है जिससे खाने पीने का गंभीर संकट पैदा हो गया है. मजदूरों ने वीडियो जारी कर भारत और झारखंड सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है. उन्होंने बकाया वेतन का भुगतान भी तुरंत करने की मांग की है. इन मजदूरों में हजारीबाग के 19, गिरिडीह के 14 और बोकारो के 15 लोग शामिल हैं.

मजदूरों ने बताया कि हालात बहुत खराब हैं और पैसे न होने से गुजारा मुश्किल हो गया है. वीडियो में उन्होंने कहा कि कंपनी ने धोखा दिया है और अब जीविका का कोई सहारा नहीं बचा.

हजारीबाग के मजदूरों में अमरदीप चौधरी, जिवाधन महतो, धनेश्वर महतो, जागेश्वर कुमार महतो, गोविंद कुमार महतो, खिरोधर महतो, नागेंद्र कुमार महतो, कैलाश महतो, नीलकंठ महतो, अनंतलाल महतो, खुशलाल महतो, मुकेश कुमार, मंटू महतो, गंगाधर महतो, मुकेश कुमार, दिनेश तुरी, देवेंद्र ठाकुर, शंकर घांसी और एक अन्य शामिल हैं.

गिरिडीह के 14 में नंदलाल महतो, संतोष महतो, गुरुचरण महतो, मनोज कुमार मंडल, खुबलाल महतो, अशोक कुमार, झंडू महतो, सेवा महतो, मुरली मंडल, सुखदेव सिंह, संजय कुमार, संजय कुमार महतो, सुनील टूड्डू, मिरुलाल हांसदा हैं.

बोकारो के 15 में अजय कुमार, गोपाल महतो, राजेश करमाली, लालू करमाली, जगन्नाथ महतो, रूपलाल महतो, दीपक सिंह, कारु सिंह, सुबोध मरांडी, सुखदेव महतो, जगन्नाथ महतो, बिरसाही तुरी, मनोज कुमार, रविदास और खेदन सिंह नाम हैं.

यह मामला झारखंड के प्रवासी मजदूरों की असुरक्षा को उजागर करता है जहां विदेशी कंपनियां वेतन देकर धोखा दे रही हैं. 48 लोगों का फंसना राज्य सरकार की विदेशी रोजगार नीति की कमजोरी दिखाता है. वीडियो गुहार से भावनात्मक अपील बढ़ती है लेकिन वापसी और वेतन की प्रक्रिया लंबी हो सकती है. कुल मिलाकर प्रवासी सुरक्षा के लिए मजबूत तंत्र जरूरी है ताकि मजदूरों का भविष्य न दांव पर लगे.
Weather