• 2025-08-10

Jharkhand tribal movement: आदिवासी संस्कृति, बहू-बेटियों की इज्जत और अपने हक की रक्षा के लिए अब झारखंड की धरती पर जागेगा संग्राम

झारखंड की डेमोग्राफी बदलती जा रही हैं। लगातार हो रही बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की बहु बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है। इसे बचाने तथा आदिवासी की संस्कृति को बचाने तथा नया झारखंड का निर्माण के लिए आदिवासियों को एक जुट होकर आंदोलन करने की जरूरत है।

वर्तमान राजनीति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते अपने संथाली भाषा में आदिवासी को जागरूक होने की प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि आदिवासियों के बहू-बेटियों पर अंगुली उठाने वाले को आंखें फोड़ देना है। आदिवासी संस्कृति को बचाने को लेकर संथाल समाज को जागरूक होना होगा।

संथाल परगना कास्तकारी तथा छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम का बचाव करना समाज के लिए काफी हितकारी है, लेकिन यह अधिनियम खत्म होते जा रहा है।

संथाल परगना में मांझी परगना सिस्टम खत्म होते जा रहे हैं। मांझी परगना तथा रुढ़िवादी प्रथा को लागू करने करने को लेकर आंदोलन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें मंईयां योजना की लाभ नहीं चाहिए बल्कि हमारे बहू-बेटियों की इज्जत के साथ-साथ आदिवासी का हक चाहिए।