Jamshedpur: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन मंगलवार को अपनी धर्मपत्नी एवं विधायक कल्पना सोरेन के साथ पूर्व स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री स्व. रामदास सोरेन के घोड़ाबांधा, जमशेदपुर स्थित आवास पहुंचे। यहां उन्होंने दिवंगत नेता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिजनों से मिलकर गहरी संवेदना प्रकट की और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
ज्ञात हो कि पूर्व मंत्री रामदास सोरेन का 15 अगस्त को नई दिल्ली स्थित एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि दिशोम गुरु और मेरे बाबा शिबू सोरेन जी के निधन के कुछ ही दिनों बाद रामदास सोरेन जी के चले जाने की पीड़ा मेरे लिए असहनीय है। यह राज्य और मेरे जीवन के लिए अपूरणीय क्षति है। इस वजह से जो शून्यता उत्पन्न हुई है, उसकी भरपाई संभव नहीं है।
उन्होंने स्मृति-शेष रामदास सोरेन के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने संघर्ष के दम पर अपनी अलग पहचान बनाई थी। अलग झारखंड की लड़ाई में वे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में सक्रिय रहे और आंदोलन में उनका अहम योगदान था। उनका स्वभाव सरल और सहज था तथा वे अपने सामाजिक सरोकारों के लिए सदैव याद किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा मंत्री के रूप में रामदास सोरेन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत थे। सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना मजबूत करने, नई पहल शुरू करने और गांव-देहात के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामदास सोरेन अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां और कार्य हमेशा समाज को ऊर्जा प्रदान करते रहेंगे।