चांडिल डैम में जलस्तर बढ़ने से आसपास के कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। डैम से निकलने वाले पानी ने निचले इलाकों को प्रभावित कर दिया है, जिसके चलते ग्रामीणों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा। दर्जनों विस्थापित परिवार फिलहाल नजदीकी स्कूलों और सामुदायिक भवनों में शरण लेकर दिन गुजारने को मजबूर हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए पुलिया के दोनों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। किसी भी राहगीर या पर्यटक को फिलहाल डैम के पास जाने की अनुमति नहीं है। प्रशासन का कहना है कि अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है ताकि कोई घटना न हो।
विस्थापित ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि डैम का जलस्तर नियंत्रित रखा जाए। बता दे कि वर्तमान में डैम का जलस्तर लगभग 191.22 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। यदि इसे तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया तो गांव पूरी तरह से जलमग्न हो सकते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि जलस्तर 181.22 मीटर तक सीमित रखा जाए, ताकि उन्हें पूरी तरह डूबने से बचाया जा सके।
बाढ़ प्रभावित परिवारों ने बताया कि अचानक जलस्तर बढ़ने से उन्हें घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी। कई परिवार स्कूल भवनों और सामुदायिक केंद्रों में शरण लिए हुए हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्थिति और भी कठिन हो गई है। खाना पकाने और पीने के पानी की समस्या सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।