Jamshedpur IMA Seminar: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) जमशेदपुर की ओर से बुधवार को एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और चुनौतियों पर गंभीर चर्चा करना था। सेमिनार में शहर के कई नामी चिकित्सक मौजूद रहे, वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें एसएसपी भी शामिल थे, सबने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों और पुलिस अधिकारियों के बीच सीधा संवाद हुआ, जिसमें चिकित्सकों ने अपनी परेशानियों को विस्तार से रखा।                    
                    
                    
                                    
                                                
                                
                                
                                
                                
                                          
  
 
                                     
                                                            
                                     
                
           
       
चिकित्सकों ने सेमिनार में बताया कि इलाज के दौरान अक्सर उन्हें तनावपूर्ण और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। कई बार मरीज की स्थिति बिगड़ने या आपातकालीन स्थिति में परिजनों का गुस्सा डॉक्टरों पर निकलता है। यह गुस्सा कई बार केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि मारपीट, तोड़फोड़ और धमकी जैसी घटनाओं का रूप ले लेता है। डॉक्टरों ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में वे भय और तनाव के माहौल में काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
एक चिकित्सक ने कहा, “हम दिन-रात मरीजों की सेवा करते हैं, लेकिन जब किसी गंभीर स्थिति में हमें अपशब्द, धमकी या हिंसा का सामना करना पड़ता है, तो मनोबल टूट जाता है। इससे हमारी कार्यक्षमता और मरीजों की सेवा की गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती हैं।”
आईएमए के प्रतिनिधियों ने कहा कि डॉक्टर अपने पेशे को केवल रोजगार नहीं, बल्कि सेवा की भावना से निभाते हैं। वे लगातार दबाव और जिम्मेदारी के बीच मरीजों की जान बचाने की कोशिश करते हैं। इसके बावजूद उन्हें सुरक्षा की कमी का सामना करना पड़ता है।
डॉक्टरों की ओर से यह मांग रखी गई कि अस्पतालों और क्लिनिकों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। खासकर इमरजेंसी वार्ड जैसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बल की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही हिंसक घटनाओं की स्थिति में पुलिस प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा जताई गई।
आईएमए पदाधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस और डॉक्टरों के बीच नियमित संवाद होना चाहिए, ताकि किसी भी घटना के दौरान दोनों पक्ष मिलकर स्थिति को संभाल सकें।
कार्यक्रम में मौजूद जमशेदपुर के एसएसपी ने डॉक्टरों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन चिकित्सकों की भूमिका और उनकी चुनौतियों को भलीभांति समझता है। डॉक्टरी पेशा बेहद जिम्मेदारी वाला और तनावपूर्ण है, जहां हर पल मरीज की जिंदगी दांव पर लगी होती है। उन्होंने डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए हर स्तर पर तत्पर है।
एसएसपी ने कहा, “डॉक्टर समाज की रीढ़ हैं। आप लोग निडर होकर काम करें। आपकी सुरक्षा की गारंटी हमारी है। किसी भी घटना पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
इस सेमिनार ने न केवल डॉक्टरों की समस्याओं को सामने रखा बल्कि समाधान की दिशा में भी ठोस पहल की नींव रखी। चिकित्सकों को जहां पुलिस प्रशासन से भरोसा मिला, वहीं पुलिस अधिकारियों को भी डॉक्टरों की वास्तविक चुनौतियों को समझने का अवसर मिला।