सूत्रों के मुताबिक अर्शियान 2017 से तुर्कि में छिपा हुआ है और वहीं से आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। "आतंक का इंजीनियर" कहे जाने वाले अर्शियान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और बाद में सऊदी अरब के दम्मम में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में नौकरी की। इसी दौरान उसकी मुलाकात बेल्जियम की नागरिक अलीना हैदर से हुई और दोनों ने शादी कर ली। बताया जाता है कि वह इस्लामिक स्टेट (ISIS) का तकनीकी विशेषज्ञ है और संगठन का नेटवर्क और अधिक खतरनाक बनाने का काम करता रहा है।
अर्शियान का भाई सैय्यद मोहम्मद जीशान अली हैदर भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। उसे 10 अगस्त 2017 को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित कर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वहीं, मानगो इलाके से पहले भी कई आतंकी पकड़े जा चुके हैं। 2016 में धतकीडीह से अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मोनू और नसीम अख्तर उर्फ राजू, जबकि 2017 में टाटानगर स्टेशन से मौलाना कलीमुद्दीन की गिरफ्तारी हुई थी। पूछताछ में इनके अलकायदा से संबंधों का खुलासा हुआ था। इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित किया है कि जमशेदपुर के मानगो इलाके की जड़ें लंबे समय से आतंकी नेटवर्क से जुड़ी रही हैं।