Bihar: सियासत में कई बार कुछ घंटों का फासला कई सप्ताह और कुछ मौकों पर सालों पर भारी पड़ जाता है, शायद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव अभी यही सोच रहे होंगे, 24 घंटे भी नहीं हुए जब वोटर अधिकार यात्रा के अंतिम पड़ाव पर दोनों एक-दूसरे को बधाईयां दे रहे थे, तेजस्वी तो राहुल को पीएम कैंडिडेट तक बता रहे थे, राहुल ने रिटर्न गिफ्ट में उन्हें महागठबंधन का सीएम फेस नहीं बताया, फिर भी तेजस्वी खुश थे कि पिछले एक महीने में राहुल की वोटर अधिकार यात्रा ने बिहार का सियासी माहौल तो बदल दिया है, चुनाव से पहले वोट चोरी की चर्चा हो रही है और बीजेपी बैकफुट पर है. लेकिन एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल बदल दिया है।
वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम की मां को गाली दिए जाने की खबरों में चाहे जितनी सच्चाई हो, लेकिन मंगलवार को उन्होंने एक बार फिर शायद वो कर दिया जो उनकी चुनावी शैली रही है, वे छापामार शैली में इलेक्शन स्पेस पर कब्जा कर लेते हैं, वोटर अधिकार यात्रा की कामयाबी पर इतरा रहे महागठबंधन के नेताओं ने भी शायद नहीं सोचा होगा कि अगले दिन चर्चा के केंद्र में मोदी होंगे. अब यह माहौल चुनाव तक बना रहता है या नहीं, ये बड़ा सवाल है।
मंगलवार को पीएम मोदी वोटर अधिकार यात्रा के दौरान उनकी मां को गाली दिए जाने पर पहली प्रतिक्रिया दे रहे थे. इसके लिए मौके का चुनाव भी बहुत सोच-समझकर किया गया।
बीजेपी ने यात्रा खत्म होने का इंतजार किया. फिर महिलाओं के लिए जीविका निधि सहकारी संघ की शुरुआत के मौके पर बिहार की जनता को संबोधित करते हुए मोदी भावुक हो गए. उन्होंने सवाल किया कि उनकी मां तो राजनीति में भी नहीं थीं, फिर कांग्रेस-आरजेडी के मंच से उन्हें गाली क्यों दी गई।
महिलाओं की ज्यादा मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में मोदी के इमोशनल कनेक्शन के कामयाब होने की अधिक संभावना थी. और उन्होंने वही किया. अब चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या चुनाव में इसका असर पड़ेगा।