पायलट को प्रशिक्षण के दौरान बताया कि ट्रेन दुर्घटना के
पायलट को प्रशिक्षण के दौरान बताया कि ट्रेन दुर्घटना के दौरान अंग कटे बेहोश यात्री व्यक्ति और पेशमेकर मशिन लगे व्यक्ति को सीपीआर नहीं देना है । सिपीआर देने की प्राथमिक जांच विधि,को प्रशिक्षित किया। बताया कि कार्य के दौरान सांस रुक जाने,दिल का धड़कन बंद हो जाने, बिजली झटका लगने या दिल का दौरा पड़ने जैसी अपात स्थिती में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बंद हो जाने की स्थिति में घटनास्थल पर तुरंत सीपीआर देना है ।
सीपीआर के तीन बुनियादी सी चेक कॉल और केयर के साथ
सीपीआर के तीन बुनियादी सी चेक कॉल और केयर के साथ शुरुआती एक घंटा गोल्डन आवर में किए जाने वाले कार्य को प्रशिक्षित किया l सीपीआर का उद्देश्य ऑक्सीजन युक्त रक्त को संपूर्ण अंगों तक पहुंचने का प्रयास करते हुए नया जीवन प्रदान की प्रयत्न करना है । एक साल से कम बच्चे को सीपीआर देने की पद्धति भी बताई गई।
विदेशी वस्तु वायु मार्ग अवरोध होने की स्थिती में
हेइमलिच मेइनुवर पद्धती मांक ड्रिल कर प्रशिक्षित कराई गई।
वही ईएलटीसी के प्रांगण में सिविल डिफेंस डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह के द्वारा फायर संयंत्र के पास नियम और उपयोग के दौरान सावधानी के साथ एलपीजी गैस लिकेज से लगी आग बुझाने की विधि मॉक ड्रिल कर प्रशिक्षित किया गया l नव प्रशिक्षित महिला डेमोंस्ट्रेटर तेजीता कुमारी ने चोटिल अंग को संक्रमण से बचाने हेतू बैंडेज करने के कि विधि के .साथ सिपीआर देने की जिवांत प्रस्तुति कर प्रशिक्षण दिया ।
कार्यक्रम के अंत में लोको पायलट प्रशिक्षण केंद्र के प्रिंसिपल ने
कार्यक्रम के अंत में लोको पायलट प्रशिक्षण केंद्र के प्रिंसिपल ने सिविल डिफेंस द्वारा लगातार नए-नए विषयो पर दी जा रही उन्नत आपदा प्रशिक्षण कार्य का प्रशंसा किया । प्रशिक्षण कार्यक्रम में दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर,रांची, आद्रा, खड़गपुर मंडल के तीन सौ लोकों पायलट उपस्थित रहे।