Ghatshila: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव 2025 को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी रफ़्तार पर हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के. रवि कुमार ने जमशेदपुर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता और प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए।
सीईओ ने निर्देश दिया है कि सभी पीठासीन पदाधिकारी (Presiding Officers) अपने प्रशिक्षण के दौरान मतदान की मॉक ड्रिल अनिवार्य रूप से करें। इस अभ्यास में कम से कम 100 वोट डालने और वीवीपैट स्लिप्स (VVPAT Slips) के मिलान की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इस व्यवस्था से मतदान प्रणाली की सटीकता और पारदर्शिता की पुष्टि होगी।
वीडियो रिकॉर्डिंग और प्रमाण पत्र जरूरी
निर्वाचन पदाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि मॉक ड्रिल पूरी करने के बाद हर पीठासीन अधिकारी से प्रमाण पत्र (Certificate) लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि कम से कम 50 अधिकारियों के वीडियो टेस्टीमोनियल रिकॉर्ड किए जाएं। इन वीडियो में अधिकारी अपने अनुभव साझा करेंगे, जिन्हें बाद में जिला निर्वाचन कार्यालय की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया जाएगा।
मतदाताओं के विश्वास को मजबूत करने की पहल
सीईओ के. रवि कुमार ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण और अभ्यास से न केवल मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि जनता के बीच चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता भी और मजबूत होगी। उन्होंने जिलों को निर्देश दिया है कि मॉक ड्रिल की रिपोर्ट समय पर भेजी जाए, ताकि आयोग उसे राज्य स्तर पर प्रसारित कर सके और अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण बने।
पारदर्शी चुनाव की दिशा में कदम
घाटशिला उपचुनाव को लेकर प्रशासनिक हलकों में अब “ट्रेनिंग टू ट्रस्ट” अभियान जैसी पहल चल रही है। चुनाव आयोग चाहता है कि मतदान दिवस से पहले हर अधिकारी न केवल तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हो, बल्कि मतदाताओं में भरोसे का संदेश भी जाए कि हर वोट सुरक्षित है और सही जगह जा रहा है।