Kolhan Breaking: चाईबासा के तांबो चौक पर सोमवार रात आदिवासियों पर हुई पुलिस कार्रवाई ने पूरे कोल्हान क्षेत्र में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है. इस घटना के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपई सोरेन ने कल कोल्हान बंद का ऐलान किया है. सरायकेला-खरसावां जिले के बॉर्डर इलाके कुजू में आयोजित सभा में सोरेन ने कहा कि आंदोलनकारी पूरी तरह निर्दोष थे और उन पर लाठीचार्ज निंदनीय है. उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा. साथ ही गिरफ्तार सभी लोगों की तत्काल रिहाई की भी मांग उठाई.
सभा में चंपई सोरेन ने लोगों के बीच पैदल मार्च किया और चार से पांच किलोमीटर तक चलकर कुजू बॉर्डर पहुंचे. वहां तैनात अधिकारियों से बातचीत की और स्थिति को समझाया. सोरेन ने कहा कि सरकार को आदिवासियों की आवाज दबाने की बजाय सुननी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. सभा में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे और सभी ने बंद का समर्थन किया.
चंपई सोरेन का बंद का ऐलान चाईबासा की घटना को सिर्फ स्थानीय मुद्दा नहीं रहने देगा बल्कि पूरे कोल्हान में आदिवासी असंतोष को संगठित करने की कोशिश है. यह कदम महागठबंधन सरकार पर दबाव बढ़ाएगा और भाजपा को आदिवासी वोट बैंक मजबूत करने का मौका देगा. अगर बंद सफल रहा तो राजनीतिक तनाव बढ़ेगा लेकिन अगर शांतिपूर्ण रहा तो सरकार को जांच के लिए मजबूर कर सकता है. कुल मिलाकर यह बंद आदिवासी अधिकारों की लड़ाई को नई धार देगा लेकिन हिंसा से बचना जरूरी है.