Kolhan News: चाईबासा में नो एंट्री आंदोलन पर लाठीचार्ज के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को कोल्हान बंद बुलाया था. लेकिन सरायकेला में बंद का कोई नामोनिशान नहीं दिखा. सुबह से ही दुकानें खुलीं और बाजार में लोगों की चहल-पहल रही. सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सामान्य थी और दुकानदार अपने रोजमर्रा के काम में जुटे रहे. बंद के बावजूद कोई असामान्य गतिविधि नहीं हुई और लोग अपनी दिनचर्या में मस्त दिखे. बाजार में खरीदारों की भीड़ थी और दुकानें पूरी तरह खुली रहीं. बंद का असर न दिखने से प्रशासन को भी राहत महसूस हुई.
चंपई सोरेन का कोल्हान बंद सरायकेला में पूरी तरह फेल रहा, जो उनके प्रभाव और आंदोलन की ताकत पर सवाल खड़े करता है. चाईबासा की घटना गंभीर थी, लेकिन सरायकेला में लोगों का उदासीन रहना बताता है कि मुद्दा स्थानीय स्तर पर सीमित है. बंद का असफल होना चंपई की रणनीति की कमजोरी दिखाता है और महागठबंधन पर दबाव कम करता है. अगर आगे आंदोलन फैलाना है तो जमीनी समर्थन बढ़ाना होगा. सरायकेला की सामान्यता साबित करती है कि बिना जन भागीदारी के बंद सिर्फ घोषणा बनकर रह जाता है.