International: भारत और रूस के बीच एक अहम रक्षा समझौते पर बात आगे बढ़ते-बढ़ते रुक गई है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया भारत यात्रा के दौरान ऐसी कयासबाज़ी तेज़ थी कि दोनों देशों के बीच SU-57 लड़ाकू विमान और S-400/S-500 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर बड़ा समझौता हो सकता है। लेकिन सभी अटकलों के बावजूद किसी भी रक्षा सौदे की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।
2030 तक इंतजार करना पड़ सकता है
रूसी अधिकारियों के अनुसार भारत ने आधुनिक S-500 एयर डिफेंस सिस्टम में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि रूस का कहना है कि फिलहाल वह इस अत्याधुनिक सिस्टम की आपूर्ति नहीं कर सकता। कारण यह बताया जा रहा है कि S-500 की घरेलू जरूरतें अभी प्राथमिकता पर हैं और उत्पादन क्षमता मौजूदा समय में सीमित है। इसलिए रूस ने संकेत दिया है कि भारत को इस सिस्टम के लिए कम से कम 2030 तक इंतजार करना पड़ सकता है।
देशों के रक्षा सहयोग पर कई सवाल उठे
इन खबरों के सामने आने के बाद दोनों देशों के रक्षा सहयोग पर कई सवाल उठ रहे हैं, लेकिन यह भी साफ है कि रणनीतिक साझेदारी मजबूत बनी हुई है और भविष्य में ऐसे बड़े डील की संवावभाएं पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।