नई शिक्षा नीति नीचे तक पहुंचने पर ट्राइबल समुदाय सबसे अधिक लाभान्वित होंगे
पद्मश्री अशोक भगत ने पत्रकारों से बातचीत में तकनीकी युवाओं को सामाजिक विकास से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि इंजीनियर और तकनीकी छात्र ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की वैल्यू एडिशन समझाने की भूमिका निभाएं तो आदिवासी समाज में अभूतपूर्व जागरूकता आएगी। नई शिक्षा नीति नीचे तक पहुंचने पर ट्राइबल समुदाय सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
एक्सएलआरआई के प्रो. विनायक त्रिपाठी समेत कई प्रतिष्ठित
उन्होंने झारखंड में स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार की जरूरतों पर भी स्पष्ट राय दी। कॉन्क्लेव के दौरान एमएसएमई-अकादमिया सहयोग, उन्नत शोध, उद्योग-उन्मुख शिक्षा और स्टार्टअप ईकोसिस्टम के विकास पर पैनल चर्चाएँ हुईं। प्रमुख वक्ताओं में विजय के. सैनी, डॉ. मऊ सेन, सौमेन घोष, डॉ. अनुपम गेयन, एक्सएलआरआई के प्रो. विनायक त्रिपाठी समेत कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल थे।
नई ऊंचाई देने का संदेश
इस अवसर पर दो बड़ी अनुसंधान सुविधाओं का शुभारंभ हुआ, जिसमें 5 करोड़ की लागत से एमएसएमई मंत्रालय समर्थित टेक्नोलॉजी-बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर और 20 करोड़ की लागत से स्थापित सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी तथा कार्यक्रम में वीमेन्स लीडरशिप फोरम की भी शुरुआत हुई जिसमें पद्मश्री सुधा वर्गीस ने महिलाओं की नेतृत्व भूमिका पर प्रभावी संबोधन दिया। आईएसी-2025 ने उद्योग-अकादमी सहयोग को एक नई ऊंचाई देने का संदेश दिया है।