• 2025-08-07

Jamshedpur ED Raid: ईडी की छापेमारी में जमशेदपुर फिर चर्चा में, शिव कुमार देवड़ा के कारण घसीटा गया ज्ञान जायसवाल का नाम?

Jamshedpur: जमशेदपुर में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई सुर्खियों में है। गुरुवार को करोड़ों रुपये के फर्जी जीएसटी इनवॉयस और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) घोटाले की जांच के सिलसिले में रांची और जमशेदपुर सहित तीन राज्यों में ईडी ने छापेमारी की। हालांकि, इस कार्रवाई में शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति ज्ञान जायसवाल का नाम चर्चा में आने पर कई हलकों में हैरानी जताई जा रही है।


जमशेदपुर के 8 ठिकानों पर ईडी की दबिश


ईडी की टीमों ने झारखंड में सबसे ज़्यादा 8 ठिकानों पर तलाशी ली, जिनमें कई ठिकाने जमशेदपुर में हैं। सुबह सुबह हुई इस कार्रवाई में केंद्रीय एजेंसी की टीमों ने जिन परिसरों पर छापा मारा, वहां किसी भी बाहरी व्यक्ति की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई। जमशेदपुर में लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कहीं फिर से किसी निर्दोष व्यक्ति को बेवजह फंसाया तो नहीं जा रहा।

घोटाले का असली मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा

ईडी की शुरुआती जांच के मुताबिक, इस बहुचर्चित घोटाले का मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा है, जिसे मई 2025 में गिरफ्तार किया गया था। देवड़ा और उसके नेटवर्क ने करीब 5,000 करोड़ रुपये के फर्जी चालान तैयार कर 730 करोड़ रुपये से अधिक का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया। उसके खिलाफ पिछले महीने ही आरोपपत्र दायर किया गया है।

शिव कुमार देवड़ा, जो इस पूरे फर्जी जीएसटी घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, ने खुद को बचाने और जांच की दिशा भटकाने के लिए एक चौंकाने वाला कदम उठाया था। सूत्रों के अनुसार, देवड़ा पर जब जीएसटी विभाग की रेड पड़ी और उसकी फर्जी कंपनियों का भंडाफोड़ होने लगा, तब उसने खुद को पीड़ित दिखाने की रणनीति अपनाई। उसने मामले की शिकायत लेकर दिल्ली तक का रुख किया और कुछ प्रभावशाली लोगों के जरिये ईडी तक यह मामला पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन ईडी की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, असली सच सामने आने लगा। देवड़ा की साजिशें एक-एक कर उजागर हुईं और अंततः मई 2025 में उसकी गिरफ्तारी हुई। अब यह भी संदेह जताया जा रहा है कि उसने जानबूझकर कुछ निर्दोष व्यापारियों, विशेषकर जमशेदपुर के उद्योगपति ज्ञान जायसवाल का नाम घसीटकर व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने की कोशिश की। ईडी की अब तक की जांच में यही संकेत मिल रहे हैं कि देवड़ा न केवल घोटाले का सूत्रधार था, बल्कि वह दूसरों को फंसाकर खुद को बचाने की भी चालें चल रहा था।

ज्ञान जायसवाल का नाम क्यों आ रहा है चर्चा में?

सूत्रों के अनुसार, ज्ञान जायसवाल का इस मामले से सीधा कोई लेना देना नहीं है, बल्कि उसकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। कई लोग इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि शिव कुमार देवड़ा और ज्ञान जायसवाल के बीच बीते कुछ समय से व्यावसायिक और व्यक्तिगत स्तर पर मतभेद चल रहे थे। जानकारों की मानें तो इन मतभेदों के चलते ही शिव कुमार देवड़ा द्वारा जानबूझकर ज्ञान जायसवाल को इस मामले में घसीटने की कोशिश की जा रही है।

क्या जमशेदपुर के उद्योगपति निशाने पर हैं?

ईडी की छापेमारी से यह सवाल उठने लगा है कि क्या शहर के ईमानदार उद्योगपतियों को भी अब किसी अन्य की साजिश का शिकार होना पड़ेगा? ज्ञान जायसवाल के जानने वालों का कहना है कि उन्होंने हमेशा पारदर्शी और वैध तरीके से कारोबार किया है, और यदि जांच निष्पक्ष रही तो उनका नाम पूरी तरह से क्लीन निकलकर सामने आएगा।

ईडी की मंशा: असली दोषियों की पहचान

ईडी ने बयान में कहा है कि वर्तमान छापेमारी विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है और इसका मकसद इस वित्तीय नेटवर्क में शामिल असली दोषियों की पहचान करना है। एजेंसी इस बात की तह तक जाना चाहती है कि किन लोगों ने इस घोटाले से अवैध रूप से लाभ उठाया है।

जमशेदपुर में ईडी की कार्रवाई के केंद्र में भले ही कुछ नाम उछाले जा रहे हों, लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक किसी भी व्यक्ति की छवि को लेकर जल्दबाज़ी में निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा। घोटाले का असली सूत्रधार शिव कुमार देवड़ा है, और एजेंसियों को चाहिए कि जांच की दिशा उसी ओर केंद्रित रखें।