• 2025-08-07

Jharkhand MP Dhullu Mahato: धनबाद सांसद ढुल्लू महतो ने धनबाद एयरपोर्ट के संचालन व विस्तार को लेकर उठाई आवाज, पत्नी सावित्री देवी ने की प्रधानमंत्री से मुलाकात

Dhanbad: झारखंड के धनबाद से सांसद ढुलू महतो ने एक बार फिर धनबाद हवाई अड्डे के संचालन और विस्तार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र सौंपा है। इस बार उनकी धर्मपत्नी सावित्री देवी ने भी दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर यह मांग व्यक्तिगत रूप से रखी और उन्हें ज्ञापन सौंपा। सांसद महतो ने कहा कि धनबाद जैसे औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र के लिए एक पूर्णकालिक हवाई अड्डा बेहद आवश्यक है।


तीन पृष्ठों में विस्तार से लिखे पत्र में सांसद ढुलू महतो ने धनबाद के ऐतिहासिक, शैक्षणिक, औद्योगिक, धार्मिक और पर्यटन महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने लिखा कि 1980 से 1987 के बीच धनबाद को हवाई सेवा की स्वीकृति मिली थी, लेकिन 1988 में बिना स्पष्ट कारण के बंद कर दी गई, जिससे धनबादवासियों में भारी निराशा रही।


पत्र में उन्होंने झारखंड के इस प्रमुख औद्योगिक नगर की महत्ता बताते हुए लिखा कि यहाँ आईआईटी (पूर्व में इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), बीसीसीएल, सीआईएल, सीएमपीडीआई, बीआईटी सिंदरी, सीसीएल, जैसे अनेक राष्ट्रीय संस्थान हैं। इसके अलावा यह शहर मैथन डैम, पाथरचट्टी जैसे धार्मिक व पर्यटन स्थलों के कारण भी प्रसिद्ध है।

सांसद महतो ने पत्र में यह भी बताया कि पहले उनके आग्रह पर एयरपोर्ट विस्तार की दिशा में राज्य सरकार ने कदम उठाया था लेकिन भूमि की कमी के चलते मामला अटका रहा। अब टुंडी प्रखंड के सतरकीरी गांव में नया ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा स्थापित करने के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध है। उन्होंने पीएम से आग्रह किया कि इसके लिए शीघ्र दिशा-निर्देश जारी कर केंद्र सरकार "उड़े देश का आम नागरिक" अभियान के तहत धनबाद को हवाई सेवा से जोड़ने की पहल करे।

ढुलू महतो ने कहा, "मोदी सरकार के "सबका साथ, सबका विकास" दृष्टिकोण के तहत अगर यह मांग पूरी होती है, तो न केवल तीर्थयात्रियों, पर्यटकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि धनबाद के लाखों नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। यह क्षेत्रीय व्यापार, शिक्षा, और चिकित्सा सेवाओं को भी मजबूती देगा।"

धनबाद की जनता की ओर से इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाते हुए सांसद ने प्रधानमंत्री से इस दिशा में शीघ्र निर्णय की अपील की है। वहीं सावित्री देवी द्वारा प्रधानमंत्री से की गई मुलाकात ने इस मांग को और भी मजबूत आधार दिया है।