सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत भूरसा से दावना तक चल रहे पक्की सड़क निर्माण कार्य को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। ग्राम प्रधान सालखन सोरेन के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मौके पर पहुँचकर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारियों पर निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री के उपयोग का आरोप लगाया।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण में निर्धारित मानकों की अनदेखी की जा रही है। इस्तेमाल हो रही गिट्टी और बालू की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिससे यह सड़क लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रह पाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा लागत बचाने के लिए नियमों की अनदेखी की जा रही है।
सबसे गंभीर आरोप यह लगाया गया कि निर्माण कार्य में नाबालिग बच्चियों से मजदूरी कराई जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चियों से बालू और गिट्टी ढोने का काम कराया जा रहा है, जो न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि मानवाधिकारों का भी हनन है।
ग्राम प्रधान सालखन सोरेन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें गांव के विकास की रीढ़ होती हैं। यदि सड़क मानक के अनुसार नहीं बनेगी तो आने-जाने में परेशानी होगी और यह जल्दी ही खराब हो जाएगी। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल जांच कर दोषी ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सड़क को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बनाया जाए ताकि यह कम से कम दस वर्षों तक टिक सके।
ग्रामीणों का कहना है कि जब सरकार विकास के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, तो उसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।