Jamshedpur Brahmananda Narayana Hospital: जमशेदपुर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सीय उपलब्धि के रूप में, ब्रहमानंद नारायणा अस्पताल, जमशेदपुर ने पहली बार ऑर्बिटल एथरेक्टॉमी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह न्यूनतम इनवेसिव (कम जटिल) तकनीक है, जिसका उपयोग गंभीर रूप से कैल्सीफाइड कोरोनरी आर्टरी डिज़ौज के उपचार में किया जाता है।                    
                    
                    
                                    
                                                
                                
                                
                                
                                
                                          
  
 
                                     
                                                            
                                     
                
           
       
इस प्रक्रिया से 74 वर्षीय मरीज को राहत मिली, जो तीन वर्षों से सीने में दर्द से जूझ रहे थे। मरीज, जिनका 2012 में सबड्यूरल हेमेटोमा का ऑपरेशन हुआ था, उन्हें परिश्रम करने पर सीने में दर्द होता था, लेकिन बेहोशी या सूजन का कोई इतिहास नहीं था। कार्डियक जाँच-ईसीजी और इकोकार्डियोग्राफी के बाद कोरोनरी एंजियोग्राफी की गई, जिसमें गंभीर कैल्सिफिकेशन सामने आया, जिससे पारंपरिक एंजियोप्लास्टी करना कठिन हो गया। 
वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अखलाक अहमद ने बताया, "गंभीर कैल्सिफाइड कोरोनरी आर्टरी में सामान्य बलून ब्लॉकेज को प्रभावी ढंग से खोल नहीं पाते। ऑर्बिटल एथरेक्टॉमी हमें सटीक रूप से कैल्सिफाइड प्लाक को हटाने की सुविधा देती है, जिससे स्टेंट सफलतापूर्वक डाला जा सके। ऐसी बीमारियों का समय पर पता लगना बेहद जरुरी है, क्योंकि देर होने पर उपचार के विकल्प सीमित हो जाते हैं। 
इस प्रक्रिया में प्रभावित आर्टरी में एक पतली कैथेटर डाली जाती है, जिसमें डायमंड-कोटेड बर्र उच्च गति से घूमकर कठोर प्लाक को तोड़ता है। इसके बाद बलून एंजियोप्लास्टी और स्टेंट डाला जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बहाल होता है। यह पद्धति कई उच्च जोखिम वाले मरीजों में ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता को टाल देती है।