उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बेरोजगार युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए रोजगार मेलों का नियमित आयोजन किया जाए और जनजातीय समुदायों, खासकर पीवीटीजी समूह को नियोजन कार्यक्रमों से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाए। साथ ही, बाजार की मांग को देखते हुए नए ट्रेड शुरू कर युवाओं के लिए समग्र कौशल प्रशिक्षण योजना तैयार करने पर बल दिया।       
       
      
  
बैठक में यह भी तय हुआ कि सरकारी आईटीआई संस्थानों में सभी ट्रेडों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित किया जाए और युवाओं तक जानकारी पहुँचाने के लिए सोशल मीडिया प्रचार को और प्रभावी बनाया जाए। प्रशिक्षण संस्थानों को प्लेसमेंट रिकॉर्ड बेहतर करने और नियोजित युवाओं का नियमित फॉलो-अप रखने का भी निर्देश दिया गया।
श्रमिक कल्याण योजनाओं की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो ताकि श्रमिकों को अंत्येष्टि सहायता, प्रवासी मजदूर सर्वेक्षण, सेफ्टी किट वितरण, मेधावी छात्रवृत्ति, प्रसूति व विवाह सहायता जैसी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने अधिकारियों से लक्ष्य आधारित कार्ययोजना बनाने और योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया।
बैठक के अंत में उपायुक्त ने युवाओं और श्रमिकों के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।