छठ महापर्व के नजदीक आते ही रांची से बिहार लौटने वालों लोगो की भारी भीड़ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर देखी जा रही है। हर व्यक्ति समय पर अपने घर पहुंचना चाहता है, लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ का फायदा उठाते हुए बस ऑपरेटरों और टिकट एजेंटों ने किरायों में जबरदस्त बढ़ोतरी कर दी है।
बसों का किराया जाने
आम दिनों में जहां रांची से पटना का किराया 500 से 600 रुपये था, वहीं अब एक टिकट 800 से 1500 रुपये तक बेचा जा रहा है। खादगढ़ा बस स्टैंड पर शुक्रवार को यात्रियों ने बताया कि एजेंट खुलेआम बढ़े हुए दाम वसूल रहे हैं। जिसके बाक कुछ एजेंटों ने कहा कि अन्य बसों में किराया 1000 से 1200 रुपये तक लिया जा रहा है, हम तो बस इतना ही ले रहे है।
बस चालक संघ के महासचिव राणा बजरंगी के अनुसार, बिहार जाने वाली बसें पूरी तरह भरी हुई हैं, लेकिन वापसी में बसें लगभग खाली लौट रही हैं। इसी वजह से बस मालिकों ने किराए में इजाफा कर दिया है।
ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स का किराया जाने
बता दे कि ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी यही स्थिति बनी हुई है। जहां रांची से पटना जाने वाली एसी स्लीपर बसों का किराया 1500 से 2500 रुपये, जबकि दरभंगा और समस्तीपुर रूट की एसी बसों का स्लीपर किराया 2000 रुपये से अधिक हो गया है। सामान्य सीटों के लिए भी यात्रियों को 1000 से 1500 रुपये तक देने पड़ रहे हैं।
रेलवे का किराया जाने
वहीं बात करे रेलवे की तो रेल यात्रियों की हालत भी अलग नहीं है। बिहार जाने वाली अधिकांश ट्रेनें पूरी तरह फुल हैं और रिजर्व कोच में एक भी सीट खाली नहीं है। बात करे जनरल डिब्बों की तो उसमें पैर तक रखने की जगह नहीं बची है। जिसके बाद यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने छठ स्पेशल ट्रेनें शुरू की, जिनमें रांची-गोरखपुर, रांची-जयनगर, रांची-कामाख्या, दुर्ग-पटना, और गोंदिया-पटना जैसी ट्रेनें शामिल हैं। जिसके बाद इन ट्रेनों की घोषणा के एक दिन बाद से ही पूरी तरह ट्रेन भर गईं।
फ्लाइट का किराया जाने
फ्लाइट यात्रियों के लिए भी हालात कुछ सही नहीं है। जहां सामान्य दिनों में रांची से पटना का हवाई किराया ₹2500 से ₹2700 के बीच रहता था, वहीं अब एयरलाइंस ने दामों में चार गुना तक वृद्धि कर दी है। और अब यही टिकट ₹9000 से ₹13,000 तक में मिल रहा है।
श्रद्धालुओं की प्रशासन से मांग
छठ पर्व के लिए घर लौटने वालों लोगो की भीड दोनों लगातार बढ़ रही हैं। लोग प्रशासन से और अतिरिक्त बसें और ट्रेनों के परिचालन की मांग कर रहे हैं, ताकि श्रद्धालु सही समय पर और सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें।