चित्रकार विशेंद्र नारायण सिंह ने बताया
चित्रकार विशेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि छठ पूजा में सिन्दूर का बहुत बड़ा महत्व होता है। ठेकुआ से लेकर फूल-फल, सूप और दउरा तक, सिन्दूर के बिना छठ अधूरा माना जाता है। यह सिन्दूर सुहाग, समर्पण और लंबी आयु का प्रतीक है।
इस वर्ष, उन्होंने इस धार्मिक महत्व को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए
इस वर्ष, उन्होंने इस धार्मिक महत्व को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए अपनी पेंटिंग को ऑपरेशन सिन्दूर का नाम दिया है। यह नाम भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए किए गए सैन्य अभियान से प्रेरित है। सिंह का कहना है कि जिस तरह छठ का सिन्दूर सुहाग और रक्षा का प्रतीक है, उसी तरह ऑपरेशन सिन्दूर देश की माताओं और बहनों की रक्षा और उनके सम्मान की रक्षा का संकल्प है, जिनके माथे से आतंकवादियों ने सिन्दूर मिटाने की कोशिश की थी।
पत्थर पर बनाई गई यह पेंटिंग छठ की पवित्रता
पत्थर पर बनाई गई यह पेंटिंग छठ की पवित्रता और राष्ट्र की सुरक्षा के बीच एक मजबूत सेतु का काम कर रही है। यह कलाकृति न केवल छठ की परंपराओं को दर्शाती है, बल्कि हर भारतीय को देश के प्रति अपनी आस्था और गौरव का स्मरण भी कराती है। घाट पर आने वाले श्रद्धालु इस अनोखी पहल की सराहना कर रहे हैं, जो आस्था के पर्व को राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के संदेश से जोड़ती है।