Back to Top

Facebook WhatsApp Telegram YouTube Instagram
Jharkhand News26 – fastest emerging e-news channel.
  • 2025-10-28

Chandil News: चांडिल छठ घाट हादसा, विधायक सरयू राय और साबित महतो ने जताया शोक

Chandil News: सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी के शहरबेड़ा छठ घाट पर सोमवार शाम हुई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है. छठ पूजा के दौरान नहाते समय गहरे पानी में फंसकर तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है. जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय और ईचागढ़ के विधायक सविता महतो ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख जताया है. मंगलवार को सरयू राय खुद घाट पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया, साथ ही मृतकों के परिवारों से मिलकर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि यह अपूरणीय क्षति है और पूरा समाज उनके साथ है.
विधायक सरयू राय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जमशेदपुर, आदित्यपुर और चांडिल के अन्य घाटों पर छठ पूजा शांतिपूर्ण रही, लेकिन शहरबेड़ा की यह घटना एक अप्रत्याशित दुर्घटना बन गई. उन्होंने इसे सीधे प्रशासन की लापरवाही नहीं ठहराया और कहा कि दोषारोपण से कुछ हासिल नहीं होगा. राय ने लोगों की आदत पर टिप्पणी करते हुए बताया कि कई बार तैराकी का आत्मविश्वास हादसों को न्योता देता है, लोग सोचते हैं कि कुछ नहीं होगा, लेकिन नदी का बहाव धोखा दे जाता है. स्वर्णरेखा के इस घाट पर पानी की रफ्तार हमेशा खतरनाक रहती है और पहले भी यहां कई जानें जा चुकी हैं. इसलिए उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि शहरबेड़ा घाट पर छठ पूजा के आयोजन पर स्थायी रोक लगा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए.

यह हादसा छठ पूजा की खुशियों पर ग्रहण लगा देता है और स्वर्णरेखा जैसे खतरनाक घाटों पर सुरक्षा की घोर अनदेखी को उजागर करता है. विधायक सरयू राय का स्थायी प्रतिबंध का सुझाव व्यावहारिक लगता है, क्योंकि बार-बार की घटनाएं बताती हैं कि कुछ जगहें पूजा के लिए सुरक्षित नहीं हैं. प्रशासन की ओर से डेंजर जोन चिह्नित करने के बावजूद भीड़ का नियंत्रण न होना और लोगों का अति आत्मविश्वास दोनों जिम्मेदार हैं. आस्था और सुरक्षा में संतुलन बनाना जरूरी है, अन्यथा हर साल ऐसे हादसे परिवारों को तोड़ते रहेंगे. जिला प्रशासन को अब घाटों पर स्थायी गोताखोर, लाइफ जैकेट और बैरिकेडिंग की व्यवस्था करनी होगी, साथ ही जागरूकता अभियान चलाना होगा. यह घटना सिर्फ तीन मौतों की कहानी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि परंपराएं जिंदगियों से ऊपर नहीं हो सकतीं.
Weather