Jamshedpur Crime News: जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के भूईयाडीह में व्यवसायी हरेराम सिंह के घर पर 10 अक्टूबर को हुई फायरिंग की घटना के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में गठित टीम ने मंगलवार रात मुठभेड़ के दौरान शूटर रवि महानंद उर्फ गोपला को घायल अवस्था में पकड़ा. आरोपी के पैर में गोली लगी है और वह एमजीएम अस्पताल में इलाजरत है. पुलिस टीम सुरक्षित रही. घटनास्थल से एक देशी पिस्टल मैगजीन दो जिंदा गोलियां दो खोखे एक एंड्रॉयड मोबाइल शराब की बोतल पानी की बोतल डिस्पोजल ग्लास और प्लास्टिक बरामद हुए.                    
                    
                    
                                    
                                    
                                                
                                
                                
                                
                                
                                          
  
 
                                     
                                                            
                                     
                
           
              
       
मुठभेड़ की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना पर बारीडीह के के 2 एरिया के एक खाली क्वार्टर पर छापा मारा गया. आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी जिसके जवाब में आत्मरक्षा में गोली चलाई गई. रवि महानंद उर्फ गोपला गाड़ाबासा गोलमुरी का रहने वाला है. उसके खिलाफ चोरी डकैती जैसे पुराने मामले दर्ज हैं.
उसी रात एक और छापेमारी में फायरिंग के षड्यंत्रकारी अकाश सिंह उर्फ लालू को न्यू सीतारामडेरा स्लैग रोड से गिरफ्तार किया गया. लक्ष्मीनगर टेल्को का रहने वाला अकाश सिंह ने पूछताछ में कबूल किया कि वह दशरथ शुक्ला के साथ व्यवसायी हरेराम सिंह और उनके बेटे हरिश सिंह के कारोबार में वर्षों से जुड़ा था. हर महीने 10 हजार रुपये वेतन लेता था. छह महीने पहले झारखंड में सरकारी शराब दुकान का ठेका होने पर हरिश सिंह ने शराब दुकान का काम देने का वादा किया था लेकिन बाद में ग्वालियर के प्रेम नारायण शिवहरे को दे दिया. इससे नाराज अकाश और दशरथ ने बदला लेने के लिए कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा से संपर्क किया. उन्होंने हरेराम सिंह के घर पर रंगदारी की मांग की और सूचनाएं दीं. सुजीत सिन्हा ने दुबई के गैंगस्टर प्रिंस खान से बात की और कॉल वाट्सएप से धमकी दी. रंगदारी न देने पर सुजीत ने स्थानीय शूटर लगाया और फायरिंग कराई. हथियार रांची से रिया सिन्हा और बब्लू खान के जरिए लाए गए.
पुलिस ने बताया कि 23 अक्टूबर को दशरथ शुक्ला को तीन पिस्टल और गोलियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इन गिरफ्तारियों से अपराधियों का मनोबल टूटा है और शेष आरोपियों को पकड़ने का प्रयास जारी है. विशेष टीम में पटमदा थाना प्रभारी, सीतारामडेरा थाना प्रभारी, सिदगोडा और अन्य अधिकारी शामिल थे.
क्या है मामला 
जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के भूईयाडीह में 11 अक्टूबर को व्यवसायी हरेराम सिंह के घर पर हुई फायरिंग ने इलाके में दहशत फैला दी थी. पुलिस जांच में पूर्वी सिंहभूम के भाजपा कार्यकर्ता दशरथ शुक्ला की सीधी भूमिका सामने आई. रांची के बुंडू थाना क्षेत्र में गुप्त सूचना पर पुलिस ने एनएच-33 के किनारे सूर्य मंदिर तोरण द्वार के पास दशरथ को घेर लिया. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बुंडू के नेतृत्व में विशेष टीम ने तलाशी ली तो उसके कमर से एक लोडेड पिस्टल और बैग से तीन लोडेड पिस्टल (7.65 बोर) दो मैगजीन एक ओप्पो एफ-17 मोबाइल एक एप्पल आईफोन 13 मिनी और काला बैग मिला.
पूछताछ में दशरथ ने कबूल किया कि वह सुजीत सिन्हा गिरोह के सदस्यों को हथियार सप्लाई करने आया था. उसका अपराधिक इतिहास लंबा है जिसमें हत्या के प्रयास आर्म्स एक्ट एससी एसटी एक्ट विद्युत अधिनियम जुआ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम जैसे मामले दर्ज हैं. उसके मोबाइल से प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा जैसे कुख्यात अपराधियों के महत्वपूर्ण डिटेल्स बरामद हुए. सूत्रों के अनुसार हरेराम सिंह फायरिंग में दशरथ के साथ काशीडीह का कोण्डू और गाराबासा का गोपाल भी शामिल था. दशरथ सूद पर पैसे के लेनदेन में लिप्त था और धनबाद के कुख्यात गिरोह से जुड़ा हुआ था. पुलिस अब पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ रही है जिसमें हथियार सप्लाई गिरोह की संलिप्तता और फायरिंग साजिश शामिल है. रांची पुलिस ने दशरथ शुक्ला को जेल भेज दिया.
यह कार्रवाई रंगदारी और फायरिंग जैसे अपराधों पर पुलिस की पकड़ मजबूत करती है. मुठभेड़ और छापेमारी से अपराधियों का नेटवर्क टूटा लेकिन यह भी दिखाता है कि स्थानीय कारोबार में पुरानी नाराजगी बड़े अपराधों को जन्म दे रही है. व्यवसायी हरेराम सिंह के परिवार को न्याय मिला लेकिन शेष गिरोह को पकड़ना जरूरी है ताकि जमशेदपुर में अपराध का सिलसिला रुके. कुल मिलाकर पुलिस का प्रयास सराहनीय है लेकिन अपराध रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता भी बढ़ानी होगी.