Jharkahand News: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में कथित पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट में बुधवार को लंबी बहस हुई. अभ्यर्थियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार सिंहा ने दो घंटे से ज्यादा दलीलें दीं.
हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने भी पक्ष रखा. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और जेएसएससी की तरफ से संजॉय पिपरवाल ने जवाब दिया. कोर्ट ने सभी पक्ष सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर तय की. तब तक रिजल्ट प्रकाशन पर लगा स्टे बरकरार रहेगा. गुरुवार को यह केस पहले नंबर पर सूचीबद्ध था लेकिन सुनवाई पूरी नहीं हो सकी.
यह सुनवाई JSSC CGL परीक्षा की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. पेपर लीक जैसे आरोप अगर साबित हुए तो झारखंड की भर्ती प्रक्रिया पर भरोसा टूटेगा. कोर्ट का स्टे बनाए रखना अभ्यर्थियों के हक में है लेकिन रिजल्ट रुकने से मेधावी छात्रों का नुकसान हो रहा है. सीबीआई जांच अगर हुई तो पूरी सच्चाई सामने आएगी लेकिन देरी से युवाओं का समय बर्बाद होगा. कुल मिलाकर हाईकोर्ट की सतर्कता सराहनीय है पर जल्द फैसला जरूरी है ताकि पारदर्शिता बनी रहे.