Tata Steel Foundation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में झारखंड में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह पीवीडीजी समुदाय से रिश्ता रखने वाली प्रतिभाशाली छात्रा रश्मि बिरहोर से मुलाकात किया आपको बता दें रश्मि के साथ टाटा स्टील फाउंडेशन वेस्ट बोकारो के कम्युनिटी डेवलपमेंट के असिस्टेंट मैनेजर दीपक कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
रश्मि की यह प्रेरणादायक यात्रा टाटा स्टील फाउंडेशन की आकांक्षा परियोजना के माध्यम से संभव हो पाया है। इसमें समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर प्रदान किए जाते हैं, उनके भविष्य को नई दिशा दी जाती है। रश्मि बिरहोर ने इससे अभूतपूर्व अवसर पर अपनी भावनाएं बताते हुए बोली है कि वह बहुत खुश हैं और आभारी है कि देश की राष्ट्रपति ने अपने व्यस्त समय निकाल कर उनसे तथा उनके माता पिता से मुलाकात की।
उन्होंने बताया द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें सहज महसूस कराया और उन्होंने संथाली भाषा में बातचीत भी की। रश्मि ने टाटा स्टीन फाउंडेशन को दिल से धन्यवाद देते हुए कहा कि आकांक्षा परियोजना की बदौलत उन्हें शिक्षा का अवसर मिला जिसने उनके जीवन को दिशा दी। जिससे उनकी जीवन बदल गई।
आपको बता दे रश्मि रामगढ़ ज़िले के पीवीटीजी समुदाय से मैट्रिक और ग्रेजुएट दोनों परीक्षाएं सफलतापूर्वक पास करने वाली पहली छात्रा बन गईं. रश्मि की उपलब्धि आकांक्षा परियोजना के दीर्घकालिक प्रभाव की एक सशक्त मिसाल है और यह दर्शाती है कि समावेशी शिक्षा किस तरह वंचित समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने और सशक्त बनाने की क्षमता रखती है. राष्ट्रपति के साथ रश्मि की मुलाकात जहां उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का जश्न है, वहीं यह पूरे पीवीटीजी समुदाय के युवाओं की बढ़ती आकांक्षाओं और उम्मीदों को भी दर्शाती है।
यह बदलाव न सिर्फ उनके लिए बल्कि उनके पूरे परिवार और समुदाय के लिए एक नई उम्मीद बनकर आई है।आगे रश्मी बताती हैं उन्होंने अपनी पढ़ाई में कड़ी मेहनत की रश्मी अपनी कहानी सुनाते हुए बोली कि उनके समुदाय के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने और नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित वह करेंगी। रेशमी का दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा जीवन को नई दिशा देने और अवसरों के द्वार खोलने के लिए आधारशिला है।
रश्मि की यात्रा की शुरुआत आकांक्षा से हुई लेकिन उनकी प्रगति ने कई बच्चों को अपनी क्षमताओं को पहचानने उसे साकार करने और सपनों को सच करने के लिए प्रेरित भी किया है।