Garhwa News: गढ़वा मे फिर मानव जीवन के साथ खिलावाड़ का मामला सामने आया है पहले गुपचुप मे हारफिक मिलाने की खबर हमने आपको दिखाई थी अब उसी गढ़वा मे नकली मिठाई की मिली यह खेप आपके नींद और चैन को उड़ा देगी।
दरसल झारखण्ड -उत्तर प्रदेश,छत्तीसगढ़ और बिहार के सीमावर्ती जिला गढ़वा में त्योहारों की मिठास में जहर घोलने की साजिश का हुआ पर्दाफाश। रक्षा बंधन जैसे पावन पर्व से ठीक पहले, जब बाजारों में मिठाईयों की खरीदारी जोरों पर थी। तभी गढ़वा के सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने गोपनीय सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई कर नकली मिठाई के कारोबारियों की नींद उड़ा दी। शहर मे पिछले तीन दिनों से नकली मिठाई के खिलाफ विशेष छापेमारी अभियान चलाकर लाखो रूपये की नकली मिठाई रसगुल्ला,कलाकंद,डोडा बर्फी को किया जप्त।
गढ़वा शहर के मेन रोड स्थित दो प्लास्टिक व्यवसायी के ठिकाने पर की गई छापेमारी में करीब 50 क्विंटल से अधिक संदिग्ध मिठाई का जखीरा जब्त किया गया। संदेह है कि ये मिठाई मिलावटी है, और इसे विशेष रूप से रक्षा बंधन के मौके पर बाजार में उतारने की तैयारी चल रही थी। इस छापेमारी के दौरान जो तस्वीरें और सच्चाइयाँ सामने आईं, वो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर देंगी।
मिठाईयों की वो खेप जो दिखने में तो सुंदर और स्वादिष्ट लगती थी, लेकिन असलियत में इंसानों के लिए धीमा ज़हर बन चुकी थी। एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि जब कारोबारी से मिठाई की खरीद और परिवहन के दस्तावेज मांगे गए, तो वह एक भी वैध कागज प्रस्तुत नहीं कर सका। व्यवसायी का दावा है कि मिठाई यूपी,के फूलपुर बिहार के, गया और औरंगाबाद जैसे इलाकों से लाई गई है।
मगर यह दावा भी जांच के घेरे में है। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए, चार कमरों और दो बड़े गोदाम को सील कर दिया गया है। अब इस पूरे मामले की जांच गढ़वा के सिविल सर्जन और खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी की देखरेख में की जाएगी। अगर इस मिठाई में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रसायनों की पुष्टि होती है।
तो संबंधित कारोबारी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी । जिसमें एफआईआर दर्ज करने से लेकर जेल तक की नौबत आ सकती है। एसडीएम संजय कुमार ने गढ़वा की जनता से भी अपील की है।
कि यदि आपके आस-पास भी कहीं पर नकली या संदिग्ध मिठाई का निर्माण, भंडारण, विक्री या परिवहन किया जा रहा हो, तो कृपया इसकी जानकारी खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, सिविल सर्जन, या स्वयं एसडीएम कार्यालय को दें। आपका नाम और पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। यह सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि त्योहारों की मिठास को जहर से न भरने दें।
एक अनुमान के अनुसार, गढ़वा में त्योहारों के सीजन में करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की मिठाई बिकती है। और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 90 फीसदी मिठाई मिलावटी होती है। ऐसी मिठाई, जो देखने में तो स्वादिष्ट लगती है। मगर उसके भीतर छिपा होता है सिंथेटिक दूध, नकली खोवा, रंग, स्वाद और सुगंध बढ़ाने वाले हानिकारक केमिकल्स, जो हमारी किडनी, लीवर और यहां तक कि दिमाग तक को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहाँ की आप जानते हैं कि लंबे समय तक ऐसी मिठाइयों का सेवन धीरे-धीरे शरीर में ज़हर भर देता है? यह शुगर लेवल को अनियंत्रित करता है, बच्चों की ग्रोथ को प्रभावित करता है, और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। तो सवाल यह उठता है कि क्या हम अपने बच्चों, परिवार और रिश्तेदारों को ऐसी मिठाई खिलाना चाहेंगे जो उनके जीवन के लिए खतरनाक हो।
क्या त्योहारों की खुशियाँ किसी की सेहत की कीमत पर मनाई जानी चाहिए। गढ़वा प्रशासन ने अब साफ कर दिया है कि खाद्य सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हर वह व्यापारी जो मिलावटी मिठाईयों का धंधा करता है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।
वहीं नगर परिषद एवं खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने ऐसे दुकानदार पर कार्यवाई करने के लिए राज्य के बड़े अधिकारियो से सलाह ले रही है। वंही नगर परिषद गढ़वा दुकानदारों पर फिलहाल 25-25 हजार का फाइन ठोका है और मिठाई के सैम्पल को रांची भेजा गया है।