सरायकेला-खरसावां जिले के चौका थाना क्षेत्र में टाटा-रांची फोरलेन पर बुधवार रात हुई दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में कार और बोलेरो अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गईं। गनीमत रही कि वाहन सवार सभी यात्री बाल-बाल बच गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एनएचएआई और टोल रोड संचालक की लापरवाही के कारण आए दिन इस मार्ग पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
दुर्घटना के कारणों में सड़क पर सुरक्षा व्यवस्था का अभाव, संकेत बोर्ड नहीं, पर्याप्त लाइटिंग नहीं होना, गति नियंत्रण के लिए अवरोध नहीं होना और सुविधाओं का अभाव शामिल है। एनएचएआई और टोल रोड संचालक पर कागजी दावे करने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने का आरोप है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि सड़क पर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया जाए और टोल रोड पर यात्रियों और चालकों के लिए सुविधाओं का प्रावधान किया जाए। यह स्थिति तब है जब केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी बार-बार दावा करते हैं कि देश की टोल रोड ‘विश्वस्तरीय’ हैं। लेकिन टाटा-रांची फोरलेन पर हालात किसी से छिपे नहीं हैं। खस्ताहाल प्रबंधन, सुरक्षा मानकों की धज्जियाँ और सुविधाओं का घोर अभाव – यही है टोल रोड का असली चेहरा। स्थानीय लोग पूछ रहे हैं – क्या यही है नितिन गडकरी की टोल रोड वाली सड़कें, जहाँ यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी जाती है?