Jamshedpur Crime News: जमशेदपुर के गोलमुरी थाना क्षेत्र में हुई फायरिंग की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस ने इस मामले में टुइलाडूंगरी निवासी अमरीक सिंह उर्फ रिंकू को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी पुलिस उपाधीक्षक नगर सुनील कुमार चौधरी के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने की. पुलिस ने आरोपी के पास से एक मैगजीन लगा हुआ देशी पिस्टल, एक 7.65 एमएम खोखा और घटना में प्रयुक्त उजले रंग की स्कूटी जब्त की है.                    
                    
                    
                                    
                                                
                                
                                
                                
                                
                                          
  
 
                                     
                                                            
                                     
                
           
       घटना 24 अक्टूबर की रात की है जब टुइलाडूंगरी निवासी रविंद्र सिंह उर्फ रवि खेडा के घर के बाहर गोली चलाई गई थी. फायरिंग की इस वारदात से इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी. सूचना मिलने के बाद गोलमुरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे इलाके में सघन जांच अभियान चलाया. तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने 25 अक्टूबर को आरोपी को धर दबोचा.
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अमरीक सिंह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है और उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. उस पर मारपीट, धमकी, ठगी, और हथियारबंदी जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं. वह इलाके में दहशत फैलाने और पुराने विवादों में फायरिंग करने के लिए कुख्यात माना जाता है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी के निशानदेही पर हथियार और स्कूटी दोनों बरामद किए गए हैं.
छापेमारी दल में थाना प्रभारी संजय सुमन, गौरव सिंह, इन्द्रदेव राम, अभय मिंज, सुभाष रजक, अजीत प्रकाश, रफीक आलम, नंदू कुकल, विनय कुमार राम, आरक्षक प्रदीप तियु, अरमान अली और गृह रक्षक धनजी सिंह शामिल थे.
जमशेदपुर में बढ़ती फायरिंग की घटनाएं कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं. अमरीक सिंह जैसे अपराधी लगातार समाज में भय फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित किया है कि शहर में अपराधियों को खुली छूट नहीं दी जाएगी. इस घटना का खुलासा न केवल पुलिस की सतर्कता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि तकनीकी जांच और स्थानीय नेटवर्क की मदद से अपराध पर प्रभावी नियंत्रण संभव है. जरूरत है कि ऐसे अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि आम नागरिक बिना भय के जीवन जी सकें.