Crime News: पश्चिम सिंहभूम जिले में एक 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस घटना के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में हुई. लड़की एक स्थानीय झूमर मेले से तड़के करीब तीन बजे घर लौट रही थी, तभी यह वारदात हुई. जगन्नाथपुर के अनुमंडल पुलिस अधिकारी राफेल मुर्मू ने कहा कि पांच आरोपियों में से चार को पकड़ लिया गया है, जबकि एक फरार आरोपी की तलाश में छापेमारी चल रही है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की उम्र 28 से 30 साल के बीच है, और उनमें से कुछ शादीशुदा हैं. लड़की को पहले चाईबासा के सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत देखते हुए उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में रेफर कर दिया गया. वहां डालसा पीएलवी नागेंद्र कुमार की मदद से उसे भर्ती कराया गया. पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है.
जगन्नाथपुर पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए मात्र 12 घंटे में कार्रवाई की. एक टीम बनाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अविनाश हेब्रम ने बताया कि शुक्रवार रात अहले सुबह करीब ढाई से तीन बजे के बीच पीड़िता मुंडुई गांव से अपने भाई के साथ झूमर देखकर घर लौट रही थी. रास्ते में कुछ बदमाशों ने उसके भाई को चाकू दिखाकर भगा दिया और लड़की को पकड़कर पास के मुंडुई फुटबॉल मैदान में ले गए. वहां पांचों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद चाईबासा पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर टीम गठित की गई.
आरोपी उड़ीसा बॉर्डर के इलाके में छिपे हुए थे. पुलिस की छापेमारी टीम ने एक-एक करके उन्हें पकड़ा और थाने लाकर रखा. रविवार को सभी का मेडिकल जांच कराने के बाद चाईबासा जेल भेज दिया गया. गिरफ्तार आरोपियों में मनोज सरदार उर्फ बिडियो, उम्र करीब 32 साल, सरदार रवि, उम्र करीब 33 साल, छोटेराय नैना सरदार उर्फ कैप्सूल, उम्र करीब 30 साल, देशराज सरदार, उम्र करीब 28 साल, और चोचो उर्फ परमेश्वर सरदार, उम्र 29 साल शामिल हैं.
यह घटना ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की कमजोर स्थिति को उजागर करती है, खासकर रात के समय आयोजित होने वाले मेलों या कार्यक्रमों में. पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, जिसने मात्र 12 घंटे में अधिकतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन एक आरोपी का फरार होना सिस्टम में खामियों की ओर इशारा करता है. ऐसे मामलों में पीड़िता को तुरंत मेडिकल और कानूनी सहायता मिलना जरूरी है, जैसा कि यहां डालसा पीएलवी की भूमिका से दिखता है. समाज में जागरूकता बढ़ाने और सख्त कानूनों के लागू होने से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. कुल मिलाकर, यह मामला न्याय व्यवस्था की गति को सकारात्मक रूप से दिखाता है, लेकिन रोकथाम के उपायों पर और ध्यान देने की जरूरत है.