National News: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के बेहद करीबी रहे मेहली मिस्त्री को टाटा ट्रस्ट से बाहर कर दिया गया. दिवंगत सायरस मिस्त्री के चचेरे भाई और पालोनजी मिस्त्री के भाई के बेटे मेहली मिस्त्री को मंगलवार को हुई वोटिंग में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड से हटा दिया गया. ज्यादातर ट्रस्टियों ने उनकी दोबारा नियुक्ति के खिलाफ वोट किया. ये दोनों ट्रस्ट टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. मेहली मिस्त्री की यह विदाई टाटा समूह के इतिहास में बड़ा बदलाव मानी जा रही है. रतन टाटा के जमाने में उन्होंने समूह के लिए काफी काम किया था.                    
                                    
                                                
                                
                                
                                
                                
                                          
  
 
                                     
                                                            
                                     
                
           
              
       मेहली मिस्त्री हमेशा सुर्खियों से दूर रहे और टाटा समूह के साथ-साथ भारतीय कारपोरेट दुनिया में चुपचाप काम करते थे. उनका नाम शापूरजी पालोनजी ग्रुप से जुड़ा रहा, लेकिन उन्होंने खुद को उससे अलग रखा. वे एम पालोनजी ग्रुप के डायरेक्टर हैं, जो लॉजिस्टिक, इंश्योरेंस, शिपिंग और पेंटिंग के क्षेत्र में सक्रिय है. इंटरव्यू से दूर रहने वाले मेहली मिस्त्री रतन टाटा के निजी सलाहकार और भरोसेमंद व्यक्ति थे. वे रतन टाटा की वसीयत के एक्जीक्यूटर में से एक हैं और उन्हें अलीबाग की संपत्ति के साथ कुछ निजी संग्रह भी मिले थे.
मेहली मिस्त्री की विदाई टाटा ट्रस्ट में नई पीढ़ी के नियंत्रण की ओर इशारा करती है. रतन टाटा के करीबी होने के बावजूद ट्रस्टियों का बहुमत उनके खिलाफ जाना समूह में पुराने प्रभाव की कमजोरी दिखाता है. यह फैसला टाटा संस की हिस्सेदारी को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन कारपोरेट गवर्नेंस में पारदर्शिता और नए चेहरों की जरूरत को रेखांकित करता है. मेहली का बाहर होना सायरस मिस्त्री विवाद की पुरानी यादें ताजा करता है, लेकिन ट्रस्ट की स्वायत्तता को मजबूत भी करता है.