Jharkhand Students Visit ISRO: सिंहभूम जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों की 28 छात्राएं 11 अगस्त 2025 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC SHAR), श्रीहरिकोटा के शैक्षणिक भ्रमण पर गईं।
साइंस ओलंपियाड के माध्यम से चयनित छात्राओं के दल के लिए यह भ्रमण ज्ञान, अनुभव और प्रेरणा से भरपूर रहा। इसरो भ्रमण का अवसर प्रदान करने के लिए छात्राओं के दल ने माननीय मुख्यमंत्री झारखंड श्री हेमंत सोरेन एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया तथा इस यात्रा को लेकर खुशी जाहिर की ।
इसरो में छात्राओं ने सबसे पहले मिशन कंट्रोल सेंटर (MCC) का दौरा किया, जहां उन्होंने उपग्रह प्रक्षेपण की संपूर्ण प्रक्रिया, विभिन्न नियंत्रण प्रणालियों और रीयल-टाइम डाटा मॉनिटरिंग के तरीकों को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
इसके बाद लॉन्च पैड कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण कर रॉकेट के खड़े करने, ईंधन भरने और प्रक्षेपण से पहले की तैयारियों की बारीकियों को समझा । साथ ही, उन्होंने सैटेलाइट इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का दौरा कर जाना कि कैसे विभिन्न सेंसर, संचार उपकरण और सौर पैनल उपग्रह में लगाए जाते हैं तथा उन्हें अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में कार्य करने के लिए टेस्ट किया जाता है। विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने उन्हें भारत के प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों, जैसे चंद्रयान और गगनयान, की तकनीकी चुनौतियों और उपलब्धियों से भी अवगत कराया ।
इसरो भ्रमण के पश्चात छात्राओं ने आर.एम.के ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस का दौरा किया । यहां उन्होंने सीएनसी मशीन, 3D प्रिंटिंग और ऑटोमेशन तकनीक को कार्य करते हुए देखा। छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स के प्रोटोटाइप भी दिखाए गए।
साथ ही, इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम, प्रोजेक्ट वर्क और करियर अवसरों के बारे में विभागाध्यक्षों (HODs) ने विस्तार से चर्चा की । छात्राों के दल के साथ कार्यपालक दण्डाधिकारी मृत्युंजय कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा नेहा संजना खलखो समेत कुल 7 प्रशिक्षकों की टीम रही, जिन्होंने छात्राओं के आवासन, भोजन, परिवहन एवं सुरक्षा की संपूर्ण व्यवस्था उपायुक्त के निर्देशानुसार सुनिश्चित की।
उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिले की बेटियों के लिए यह अनुभव केवल एक भ्रमण नहीं, बल्कि उनके सपनों को पंख देने का अवसर है।
इसरो और इंजीनियरिंग कॉलेज में जाकर उन्होंने विज्ञान और तकनीक की उस दुनिया को देखा, जो अब तक किताबों तक सीमित थी। इस प्रकार के शैक्षणिक अवसर उनके अंदर विज्ञान एवं तकनीक के प्रति रुचि जगाने के साथ ही आत्मविश्वास को भी बढ़ाएंगे। विश्वास है कि यह अनुभव उनके भीतर जिज्ञासा, नवाचार और आत्मविश्वास को जन्म देगा और वे भविष्य में देश के वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास में अहम योगदान देंगी।